छत्तीसगढ़ में सरकार बदलने के बाद राशन कार्ड बनाने का कार्य चल रहा है. नवीन राशनकार्ड के लिए पंचायत के माध्यम से आवेदन लिए जा रहे हैं. राशनकार्ड बनाने के लिए ग्राम पंचायतें कहीं 100 कहीं 200 तो कहीं 500 से 1000 रुपये तक टैक्स वसूल रही है.
गौरतलब है कि त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में अभी केवल 3 महीने ही शेष रह गए हैं, ऐसे पंचायतें विगत 5 वर्षों का टैक्स एक बार में ग्रामीणों से वसूल कर रहे हैं जिससे की ग्रामीणों में आक्रोश है. मकान और पानी का टैक्स राशनकार्ड के नाम पर सचिवों द्वारा वसूल किया जा रहा है. जिससे शासन की छवि धूमिल हो रही है. ग्रामीणों को लग रहा है कि शासन राशनकार्ड के लिए उनसे वसूली कर रही है. वहीँ पंचायत सचिव भी ग्रामीणों को सही जानकारी ना देकर उनसे राशनकार्ड के नाम पर ही पैसा मांग रहे हैं. शायद पंचायत सचिवों को जनपद स्तर पर इसके लिए प्रशिक्षित नही किया गया है. वहीं कुछ हितग्राही ऐसे भी हैं जो नया राशनकार्ड बनवाने के लिए महीनो से भटक रहे हैं बार-बार उन्हें जनपद और ग्राम पंचायत के चक्कर काटने पड़ रहे हैं, बावजूद इसके उनके किसी प्रकार की समस्या का समाधान नही हो पा रहा है।
मामला सरायपाली जनपद के ग्राम पंचायत लमकेनी का है, जहाँ के निवासी झनक राम मिरी ने करीब तीन माह पूर्व नवीन राशनकार्ड हेतु आवेदन किया था. लेकिन आवेदन करने के तीन माह बाद भी झनक राम मिरी को नया राशनकार्ड नहीं मिल पाया. और अब आवेदन की स्थिति जानने जब वे जनपद पंचायत पहुँचते हैं तो वहां भी उन्हें अधिकारीयों द्वारा गुमराह किया जा रहा है।
झनक राम मिरी ने बताया कि नए राशनकार्ड के आवेदन करने के बाद जब वे इस संबंध में स्थिति जानने जनपद सीईओ सरायपाली से मिले तो उन्हें कहा गया कि 99 प्रतिशत लोगों का आवेदन निरस्त कर दिया जा रहा है. जिसपर झनक राम मिरी ने अपना निरस्त किया हुआ आवेदन माँगा तो जनपद सीईओ ने पंचायत भेज दिया है कहते हुए गूगल पर राशनकार्ड हेतु आवश्यक दस्तावेज और नियम देखकर आवेदन करने को कहा।
ग्रामीण अगर गूगल पर देखकर ही दस्तावेज और नियम समझ जाते तो जनपद और पंचायत के चक्कर क्यों लगाते.
झनक राम मिरी ने बताया कि उन्होंने पंचायत सचिव से नियम पूछकर सभी दस्तावेजों के साथ सरायपाली जनपद में नया राशन कार्ड के आवेदन किया था, जिसके बाद अब तक उनका राशनकार्ड बन जाना था. लेकिन अब तो उनके द्वारा जमा किया हुआ आवेदन कहाँ है यह भी उन्हें नहीं पता।
झनक राम मिरी ने बताया कि जनपद सीईओ द्वारा उन्हें आवेदन निरस्त कर ग्राम पंचायत में भेज दिया गया है कहा जाता है, जबकि सचिव द्वारा यहाँ कोई आवेदन निरस्त होकर नहीं आया है कहा जाता है, इस तरह मुझे शासकीय अधिकारी कर्मचारियों द्वारा बार-बार मेरे अधिकारों से वंछित कर गुमराह किया जाता है।
झनक राम का कहना है कि इस संबंध में उन्होंने जनपद अध्यक्ष कुमारी भास्कर से मिलकर भी अपनी समस्या से अवगत कराया था. लेकिन अधिकारीयों द्वारा जनप्रतिनिधि की बातों को भी अनसुना किया जा रहा है.मिरी का कहना है कि अगर अधिकारी नया राशनकार्ड बनाने के लिए किसी तरह के रुपये पैसों की आस में है, तो वे किसी तरह इसका भी जुगाड़ कर उन्हें देने को तैयार हैं, वर्त्तमान उन्हें बीते कई महीनो से राशन नहीं मिल पा रहा है, जिसके लिए उन्हें आर्थिक नुकसान उठाना पड़ रहा है और उन्हें राशनकार्ड की अत्यंत आवश्यकता है।